वर्षा ऋतु
ऐ पुरवैया क्यो खोया तुमने आपन वेग |
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ऐ सूर्य देव क्यो हुई तुम्हारे ताप मै कमी |
जो न उडा पाइ महासागर कि नमी ||
ऐ पुरवैया क्यो खोया तुमने आपन वेग |
जो न खेनच के ला पायी बादलो को मेरे देश ||
ऐ पुरवैया क्यो खोया तुमने आपन वेग |
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ऐ सूर्य देव क्यो हुई तुम्हारे ताप मै कमी |
जो न उडा पाइ महासागर कि नमी ||
ऐ पुरवैया क्यो खोया तुमने आपन वेग |
जो न खेनच के ला पायी बादलो को मेरे देश ||
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