सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:!
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग भवेत्!!
अर्थात:
सब सुखी हों, सब स्वस्थ हों, कल्याण के भागी हों! कोई भी दुखी न रहे!
सब मन: कामनाएं, चाहे वे लौकिक हों चाहे पारलौकिकी, प्रभु की प्रार्थना, भक्ति, प्रभु के नाम और उसके यथार्थ अर्थ की भावना से पूर्ण होती है!
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