Tuesday, November 15, 2011

Madhushala

धर्म ग्रन्थ सब जला चुकी है, जिसके अंतर ज्वाला, मंदिर, मस्जिद, गिरिजे, सब
को तोड़ चुका जो मतवाला, पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों को जो काट चुका,
कर सकती है आज उसकी का स्वागत मेरी मधुशाला ||
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Saturday, November 12, 2011

Tumhe Yaad Karte Karte - Amarpali

तुम्हें  याद  करते  करते, जायेगी  रैन  सारी |
तुम  ले  गए  हो  अपने  संग  नींद  भी  हमारी ||
तुम्हें  याद  करते  करते, जायेगी  रैन  सारी |
तुम  ले  गए  हो  अपने  संग  नींद  भी  हमारी ||
तुम्हें  याद  करते  करते ||


मन हैं  के  जा  बसा  है, अनजान  इक  नगर  में,
मन हैं  के  जा  बसा  है, अनजान  इक  नगर  में |
कुछ  खोजता  हैं , पागल  खोयी  हुई डगर  में |

इतने  बड़े  महल  में, घबराऊ  मैं  बेचारी |
तुम  ले  गए  हो  अपने  संग  नींद  भी  हमारी |
तुम्हें  याद  करते  करते ||


बिरहा  की  इस  चिता  से , तुम्ही    मुझे   निकालो,
बिरहा  की  इस  चिता  से , तुम्ही  मुझे   निकालो |

जो  तुम  ना  आ  सको  तो , मुझे  स्वप्न  में  बुला  लो |
मुझे  ऐसे मत  जलाओ , मेरी  प्रीत हैं  कुवांरी |
तुम  ले  गए  हो  अपने  संग  नींद  भी  हमारी|
तुम्हें  याद  करते  करते , जायेगी  रैन  सारी |
तुम  ले  गए  हो  अपने  संग  नींद  भी  हमारी |
तुम्हें  याद  करते  करते | तुम्हें  याद  करते  करते | तुम्हें  याद  करते  करते |

गायक - लता मंगेशकर, संगीतकार - शंकर जय क्रिशन गीतकार - शैलेन्द्र
चित्रपट  - आम्रपाली  (१९६६)
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